विकसित राजस्थान-2047 के लक्ष्यों को लेकर बैठक — विकसित राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति में प्रदेशवासियों की भूमिका महत्वपूर्ण, प्रदेश की समग्र प्रगति के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र का हो संतुलित विकास, 14 सेक्टर्स के माध्यम से तैयार हुआ विकसित राजस्थान-2047 का रोडमैप - मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा
26 Apr, 2025

जयपुर, 26 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विकसित राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए राज्य सरकार पानी, ऊर्जा, रोजगार और औद्योगिक क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देते हुए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस संकल्प को साकार करने में 8 करोड़ प्रदेशवासियों की भागीदारी के साथ ही प्रवासी राजस्थानी भाई-बहनों की भी अहम भूमिका होगी।

श्री शर्मा शनिवार को मुंबई में आयोजित कर्मभूमि से मातृभूमि कार्यक्रम में प्रवासी राजस्थानी समुदाय को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे अपनी देश-विदेश की विभिन्न यात्राओं के दौरान यह देखकर अत्यधिक प्रसन्नता हुई कि हमारे प्रवासी राजस्थानी अपनी कर्मभूमि के विकास में योगदान देने के साथ ही अपनी माटी से जुड़ाव रखते हुए राजस्थान को संवारने और समृद्ध बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों ने एक ऐसी ही पहल जल संचय के क्षेत्र में की है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान में हमें भामाशाहों और प्रवासी भाई-बहनों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इसके तहत राज्य में लगभग 45 हजार जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। यह अभियान वर्षा जल की एक-एक बूंद को सहेजकर न केवल जल उपलब्धता बढ़ाएगा बल्कि भूजल स्तर को बढ़ाने में भी मददगार बनेगा।

पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए राज्य सरकार ने उठाए कई कदम-

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राजस्थान में पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए कई कदम उठाए हैं। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में वर्षों से लंबित ईआरसीपी (राम जल सेतु लिंक परियोजना) से जुड़ा समझौता कर हमने इसके कार्य भी प्रारंभ कर दिए हैं। इसके साथ ही शेखावाटी के लिए महत्वपूर्ण यमुना जल समझौते को आगे बढ़ाकर हमने हरियाणा के साथ मिलकर टास्क फोर्स गठित कर दी है। उन्होंने कहा कि हथिनीकुंड बैराज से आवंटित यमुना जल से चूरू, झुंझुनूं एवं सीकर जिलों में पेयजल पहुंचाने के लिए डीपीआर बनाने का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। इसके अतिरिक्त माही बेसिन में जल प्रबंधन के कई काम हाथ में लिए गए हैं। देवास जैसे प्रोजेक्ट्स भी धरातल पर उतर रहे हैं। साथ ही, नर्मदा के पानी से जालोर, सिरोही और बाड़मेर को और अधिक लाभ मिलें, इसके लिए भी हम काम कर रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि इन परियोजनाओं के साथ ही राज्य सरकार द्वारा जल संग्रहण के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के माध्यम से 20 हजार गांवों में 5 लाख वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयासों के फलीभूत होने के बाद प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होगा।

ऊर्जा, उद्योग एवं रोजगार के क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय कार्य-

श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमने केन्द्रीय उपक्रमों के साथ 2 लाख 24 हजार करोड़ रूपये के एमओयू किए हैं। श्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान के औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए पिछले साल दिसंबर में आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में भी सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव ऊर्जा क्षेत्र में ही प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस समिट में लगभग 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 3 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों की ग्राउंड ब्रेकिंग कुछ ही महीनों में हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हमने एक वर्ष में एक लाख नियुक्तियां देने का लक्ष्य तय किया है, जिनमें से 69 हजार नौकरियां हम दे चुके हैं तथा शेष आगामी कुछ महीनों में ही दे दी जाएंगी।

निवेशकों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी राज्य सरकार-

श्री शर्मा ने प्रवासी राजस्थानी समुदाय को राजस्थान में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि राजस्थान में निवेश से उनका कारोबार तो बढ़ेगा ही, साथ ही प्रदेश की समृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए राजस्थान सरकार हरसंभव मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दुनिया के विभिन्न देशों और देश के विभिन्न राज्यों में आईएएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है, जो कि राज्य सरकार और निवेशकों के मध्य समन्वय का कार्य करेंगे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में जल संचय के कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही, घर-घर तक नल कनेक्शन के माध्यम से जल पहुंचाया जा रहा है। यदि जल का प्रबंधन ठीक प्रकार से किया जाए तो देश में कहीं भी पानी की कमी नहीं रहेगी।

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